पंजीकृत राजनीतिक दल “आदर्शवादी कांग्रेस पार्टी” के केंद्रीय संगठन “राष्ट्रीय कार्यकारिणी” के आंतरिक चुनाव की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूर्ण हो गई है और कुल 67 पदों पर निर्वाचन परिणाम घोषित कर दिये गये हैं । ज्ञांत हो कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी कुल 101 सदस्यों से पूर्ण होती है जिसमें से 67 सदस्य निर्वाचन प्रक्रिया के अंतर्गत चुने जाते हैं ।
यह चुनाव पूर्णतः ऑनलाइन एवं पारदर्शी तरीके से सम्पन्न हुआ, जिसे देश के राजनीतिक दलों के बीच एक अनूठे और प्रथम गंभीर लोकतांत्रिक प्रयोग के रूप में देखा जा रहा है ।
पार्टी द्वारा सितंबर 2025 से “सदस्य बनो – सदस्य बनाओ” सदस्यता अभियान व्यापक स्तर पर चलाया गया था, जिसमें ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों माध्यमों से पूरे देश में बड़ी संख्या में सदस्य जोड़े गये और विशेष रूप से यह व्यवस्था की गई कि तत्काल कोई सदस्यता शुल्क नहीं लिया जायेगा, बल्कि भविष्य में पार्टी द्वारा मांगने पर शुल्क जमा करने का वचन लिया गया ।
24 दिवसीय चार चरणों की सदस्यता अभियान की समीक्षा के उपरांत पार्टी संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आंतरिक चुनाव की औपचारिक अधिसूचना जारी की गई और नामांकन प्रक्रिया 4 दिसंबर 2025 से 14 दिसंबर 2025 तक ऑनलाइन/ऑफलाइन दोनों रूपों में संचालित रही ।
निर्वाचन प्रक्रिया की निगरानी के लिये तीन सदस्यीय निर्वाचन समिति गठित की गई, जिसमें श्री रामपाल सिंह मुख्य निर्वाचन अधिकारी तथा श्री संदीप उपाध्याय और श्री रोहित यादव नें सहायक चुनाव अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी निभाई ।
तय समय सीमा में राष्ट्रीय अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, प्रवक्ता, सचिव तथा सचिव स्वतंत्र प्रभार एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पदों के लिये प्राप्त नामांकनों की स्क्रूटिनी के बाद त्रुटिपूर्ण तथा वापस लिये गये नामांकनों को निरस्त कर दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप सभी पदों पर एक–एक वैध उम्मीदवार निर्विरोध रूप से निर्वाचित घोषित किये गये।
पार्टी द्वारा जारी अंतिम सूची के अनुसार राष्ट्रीय कार्यकारिणी के विभिन्न पदों पर निम्नलिखित पदाधिकारी निर्वाचित हुए हैं
निर्वाचित 67 सदस्यों की सूची इस प्रकार है
मुख्य पदाधिकारी (Core Officials)– 5 सदस्य
1. राष्ट्रीय अध्यक्ष – बृजेन्द्र दत्त त्रिपाठी,
2. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष – धीरेन्द्र पाण्डेय
3. राष्ट्रीय महासचिव मनोज कुमार सिंह
4. कोषाध्यक्ष – दीपक कुमार वर्मा
5. राष्ट्रीय प्रवक्ता – लक्ष्मी गौर
सचिव (Secretaries) – 12 सदस्य
सचिव 1 – आनंद प्रकाश त्रिपाठी
सचिव 2 – कृष्ण मोहन श्रीवास्तव
सचिव 3 – रश्मि श्रीवास्तव
सचिव 4 – संतोष कन्नौजिया
सचिव 5 – राजीव कुमार सिंह
सचिव 6 – बृजनन्दन यादव
सचिव 7 – डॉ. अंगद कुमार तिवारी
सचिव 8 – सैयद नवाज़िश हुसैन
सचिव 9 – प्रमोद पांडेय
सचिव 10 – राज कुमार जायसवाल
सचिव 11 – शशिकांत पाठक
सचिव 12 – संतोष कुमार द्विवेदी
सचिव (स्वतंत्र प्रभार) – 8 सदस्य
सचिव (स्वतंत्र प्रभार)
1 – प्रमोद कुमार तिवारी
सचिव (स्वतंत्र प्रभार)
2 – संजय कुमार
सचिव (स्वतंत्र प्रभार)
3 – रिपुंजय सिंह
सचिव (स्वतंत्र प्रभार)
4 – रमापति तिवारी, सचिव (स्वतंत्र प्रभार)
5 – तपन प्रकाश
सचिव (स्वतंत्र प्रभार)
6 – सुरेश चन्द्र पांडेय
सचिव (स्वतंत्र प्रभार)
7 – मनीष श्रीवास्तव
सचिव (स्वतंत्र प्रभार)
8 – धर्मराज मौर्य
सदस्य, राष्ट्रीय कार्यकारिणी–42 सदस्य
सदस्य 1– मीना यादव
सदस्य 2– संदीप कुमार सिंह
सदस्य 3– आशीष कुमार मिश्र
सदस्य 4– जगन्नाथ पाणे
सदस्य 5– अतुल अग्रवाल
सदस्य 6– रमा त्रिपाठी
सदस्य 7– मोहम्मद अब्बास
सदस्य 8– प्रभाकान्त पांडेय
सदस्य 9– अनूप कुमार सिन्हा
सदस्य 10– आकाश मिश्रा
सदस्य 11– अञ्जुला राय
सदस्य 12– स्वातंत्र कुमार त्रिपाठी
सदस्य 13– शत्रुघ्न मिश्रा
सदस्य 14– अफज़ल हुसैन
सदस्य 15– राकेश कुमार तिवारी
सदस्य 16– अजीत कुमार मिश्रा
सदस्य 17– आनंद कुमार द्विवेदी
सदस्य 18– मनोज पांडेय
सदस्य 19– रामपूरन निषाद
सदस्य 20– सरिता श्रीवास्तव
सदस्य 21– लाल बहादुर पाठक
सदस्य 22– नरेंद्र सिंह
सदस्य 23– मञ्जु चौधरी
सदस्य 24– सीमा तिवारी
सदस्य 25– शील दास महाराज (कबीरपन्थी)
सदस्य 26– शेषनाथ सिंह
सदस्य 27– अजीत गर्ग
सदस्य 28– अमित कुमार
सदस्य 29 – आशीष कुमार यादव
सदस्य 30– हरी शंकर शुक्ला
सदस्य 31– कल्पना त्रिपाठी
सदस्य 32– विनोद कुमार पांडेय
सदस्य 33– लीलावती कन्नौजिया
सदस्य 34– सुनील कुमार सिंह
सदस्य 35– सुभाष वर्मा
सदस्य 36– अतुल मिश्रा
सदस्य 37– तारक नाथ मिश्र
सदस्य 38– आशुतोष गुप्ता
सदस्य 39– देवी प्रसाद पांडेय
सदस्य 40– मो. कदीर
सदस्य 41– राम भवन पाठक
सदस्य 42– अर्पणा सिंह उर्फ अल्पना सिंह
आदर्शवादी कांग्रेस पार्टी का मानना है कि यह पूर्णतः डिजिटल, समयबद्ध और नियम सम्मत आंतरिक चुनाव प्रक्रिया भारतीय राजनीतिक दलों के लिये एक नया मानक स्थापित करती है और यह संदेश देती है कि राजनीतिक संगठन के भीतर भी लोकतांत्रिक पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दी जा सकती है।