नैतिक मूल्यों को तिलाञ्जलि देने वाली भारतीय जनता पार्टी नें, गुजरात से उपजे वैश्विक पहचान वाले तीन महान नेताओं महात्मा गांधी, सरदार पटेल, मोरार जी देसाई का अपमान किया है, वे जीवन भर जिन मूल्यों के लिये लड़ते रहे और अपना जीवन उत्सर्ग कर दिया, उन मूल्यों, आदर्शों,और शुचिता को नष्ट करनें का श्रेय पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी को है।
उत्त्तर प्रदेश के विधान सभा चुनावों में ईवीएम मशीनों के द्धारा धांधली की गयी, अत्यधिक धन-बल का प्रयोग करके लोकतंत्र का अपहरण कर लिया गया, गुजरात प्रदेश में ऐसा न होने पाये इसीलिये मै गुजरात की जनता को जगानें आया हूँ , सावधान करनें आया हूँ।
स्मरण रहे कि आदर्शवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुजरात विधान सभा चुनावों के निमित्त अहमदाबाद में विभिन्न गणमान्य पत्रकारों , विशिष्ट नागरिक प्रतिनिधियों से भेंटवार्ता कर बी जे पी के पक्ष में वोट न करनें अथवा किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में सशर्त वोट करने संबंधी अपनें विचार व्यक्त कर रहे थे।
नोटबन्दी के मुद्दे पर बोलते हुये श्री त्रिपाठी नें कहा कि जब 500 के नोट चलानें ही थे 1000 के नोट की जगह 2000 का नोट बाजार में लाना ही था तो नोटबंदी का क्या औचित्य था, साफ दिखायी पड़ता है कि नये नोट छापनें वाली एजेन्सियों से मोटी रकम घूस में ली गयी है और अपनें कुकृत्यों पर परदा डालनें के लिये चहेते पपेट को रिजर्व बैंक का गवर्नर बना दिया गया।
भारतीय व्यापार प्रणाली का स्वरूप एक समान कराधान के अनुकूल विकसित नहीं है किन्तु बिना पर्याप्त अध्ययन और ढाँचा विकसित किये जीएसटी लागू की गयी, अब चुनावी लाभ के लिये दरों में बदलाव का ढोंग कर रहे हैं, मेरा यह कहना है की टैक्स चाहे जैसा हो व्यापारी अपनी जेब से तो देगा नहीं अंततः वह उपभोक्ता रूपी आम जनता से ही वसूला जायेगा इसलिये इस धन्धेबाज सरकार को जवाब देनें के लिये आम जनता को आगे आना होगा।
आखिर जनता वोट दे तो किसे दे -?
अंत में इतना ही कहूँगा कि भारतीय जनता पार्टी का पुरजोर विरोध कीजिये, अन्य के पक्ष में सशर्त मतदान कीजिये ताकि भविष्य में आप अपनें को ठगा हुआ न महसूस करें।